Liver (Yakrit) commonly known as the metabolic clearing house is the largest gland as well as the largest solid organ, which is only found in vertebrates and carries out approximately 500 essential tasks that the body needs to survive. The liver is considered as the busiest organ in the body
Diabetes Disease – A silent killer Diabetes is a disease, whereby Agni function is diminished and is predominantly a Kapha disorder but is also influenced by Vata and Pitta in the human body. This results in build-up of sugar levels in the blood and low metabolic rate in the body.
कब्ज की समस्या क्यों होती है, इसके लक्षण, कारण और उचित आयुर्वेदिक उपचार! | Constipation Problem
आज के समय का खान-पान और लोगों की दिनचर्या ऐसी हो गई है कि हर कोई कब्ज (constipation) जैसी अनेक समस्याओं से परेशान रहने लगा है| कब्ज की स्थिति में व्यक्ति को बार-बार शौच जाने पर भी मल त्यागने में दिक्कत आनी शुरू हो जाती है| पाचन तंत्र से संबंधित इस समस्या को अगर समय पर दूर न किया जाए तो यह पेट के अलग-अलग जानलेवा रोगों का रूप ले सकती है| आज इस लेख में हम आपको कब्ज की समस्या क्यों होती है, इसके लक्षण, कारण और सही आयुर्वेदिक उपचार की महत्वपूर्ण जानकारी देने वाले हैं|
आयुर्वेद के अनुसार कब्ज कैसी समस्या है? (What is constipation according to Ayurveda?)
व्यक्ति के शरीर में वात, पित्त और कफ तीन दोष होते हैं जिनका संतुलित रहना बहुत जरूरी है| अगर इनमें से एक भी अनियंत्रित हुआ तो आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है| अनुचित आहार की वजह से जठराग्नि अपना काम करने में असमर्थ हो जाती है जिसकी वजह से भोजन अच्छे से पच नही पाता और व्यक्ति कब्ज, गैस, एसीडी और पेट दर्द जैसी कई समस्याओं से परेशान रहने लगता है| आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार वात दोष के असंतुलन से पेट में हानिकारक पदार्थ एकत्रित होने लगते हैं जिसके कारण उसका बाहर मल निकलने की बजाए पेट के अंदर ही सड़ना शुरू हो जाता है|
कब्ज के मुख्य लक्षण: (Main symptoms of constipation)
एक शोध से पता चला है कि जब भोजन अच्छे से पच नही पाता तो वह गैस के रूप में सिर में चढ़ने लग जाता है, कई लोगों ने ये महसूस भी किया होगा|
जब बार-बार जोर लगाने पर भी मल त्यागने में परेशानी होने लगे|
कई लोगों का मल कब्ज के समय गांठ बनकर बाहर आने लगते है, इस स्थिति को कभी नज़रंदाज़ नही करना चाहिए|
आज की मोडर्न लाइफ में लोग खा तो पेट भर के लेते हैं पर उसको पचाने के लिए शारीरिक गतिविधि नही कर पाते जिसकी वजह से पेट में गैस बनने लगती जिसको कब्ज का सबसे अहम लक्षण माना गया है|
अगर बार बार शौच जाने के बाद भी आपका पेट साफ़ नही हो रहा तो इस स्थिति में वैद्य से सलाह लेकर उपचार लेना शुरू कर दें|
इनके अलावा अगर आपका मुंह बार-बार बदबू मार रहा है, त्वचा और चेहरे पर कील मुंहासे निकलने लगें हैं तो ये भी कब्ज के सामान्य लक्षण माने गए हैं|
कब्ज के अहम कारण : (Important causes of constipation)
अगर आपके आहार में रेशेदार भोजन की कमी हो गई है तो आप कब्ज (constipation) का आसान शिकार हो सकते हैं|
कई लोगों की दिनचर्या ही खराब हो जाती है जिसके कारण पाचन क्रिया को संतुलित रखने वाली जठराग्नि कमजोर हो जाती है, इसलिए खराब जीवनशैली को भी कब्ज (constipation) का मुख्य कारण माना गया है|
आधुनिक चिकित्सा की एक रिपोर्ट के मुताबिक पानी कम पीने के कारण भी यह समस्या जल्दी हो सकती है, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पानी की उचित मात्रा शरीर से हानिकारक पदार्थों को मूत्राशय के रास्ते बाहर निकालने का काम करती है |
आज के समय में हर कोई फ़ास्ट फ़ूड, जंक फ़ूड और तले हुए खाने का दीवाना है, परन्तु उनको ये नही पता कि इसका सेवन पाचन तन्त्र को खराब करता है जिसके कारण कब्ज (constipation problem) की समस्या हो सकती है|
जो लोग दफ्तर में हमेशा बैठकर काम करते हैं, उनके मन में कुछ न कुछ चलता रहता है, इसी चिंता और तनाव को भी कब्ज (constipation problem) की समस्या का अहम कारण माना गया है|
कई लोग रात भर जागते रहते हैं उनको भी यह समस्या हो सकती है|
शराब, सिगरेट और नशीले पदार्थों का अधिक सेवन करने वाले लोगों को जल्दी कब्ज (constipation problem) की समस्या होती है|
मैदे के अधिक सेवन के कारण भी आप इस समस्या से ग्रसित हो सकते हैं|
कब्ज (constipation problem) में कैसे आहार का सेवन करें:
अनाज में आप, ब्राउन राइस, मकाई, दलिया, जई, और जौ का सेवन करें
सोयाबीन तेल, सरसों तेल, मूंगफली तेल और देसी गाय के घी का उपयोग कर सकते हैं
कब्ज (constipation problem) का उचित आयुर्वेदिक उपचार:
आयुर्वेद में कई ऐसी प्राकृतिक जड़ी-बूटियां हैं जिनका उचित सेवन बढ़े हुए दोष को संतुलित रखने का काम करता है। शरीर में जमे हानिकारक विषाक्त पदार्थों को हटाने में यह अहम भूमिका निभाती हैं, इन्ही औषधियों का मिश्रण युक्ति हर्ब्स ने 100 % प्राकृतिक रूप से तैयार किया है जिसका सही उपयोग कब्ज की समस्या में लाभकारी माना गया है| रोज़ आउट औषधि कब्ज से राहत और पाचन तंत्र में सुधार के लिए एक अत्यधिक प्रभावी हर्बल दवा है। यह गैस्ट्रिक रस के स्राव को उत्तेजित करने के अलावा कठोर मल को नरम करने और कब्ज से राहत प्रदान करने के लिए पाचन क्रिया को दुरुस्त बनाए रखती है| रोज़ आउट एक 100% प्राकृतिक औषधि है, यह दवा आदत न लगने वाली कब्ज (constipation problem) रिलीवर के रूप में काम करती है| जिन शक्तिशाली हर्बल अवयवों के मिश्रण से इसको तैयार किया गया है वह स्वस्थ पाचन प्रक्रिया का समर्थन करती हैं। इस औषधि में सोनमुखी (कैसिया एंगुस्टिफोलिया), (साइलियम की भूसी), हरीतकी (टर्मिनलिया चेबुला), यष्टिमधु (ग्लाइसीराइजा ग्लबरा), अमलतास (कैसिया फिस्टुला), सौंफ (फोनीकुलम वल्गारे), और जीरा (जीरा) जैसी महत्वपूर्ण प्राकृतिक जड़ी-बूटियों को मिश्रित किया गया है। हरीतकी को पेट साफ़ करने वाली सबसे अच्छी जड़ी-बूटी माना जाता है, इसके अलावा इसबगोलकोलन को बीमरियों से बचा कर रखने में मदद करती है| रोज़ आउट के सेवन से आप हर दिन तरोताजा महसूस करेंगें और पेट की अनेक बिमारियों से बचे रहेंगें| इसका उपयोग करने के लिए आप एक गिलास गुनगुने पानी में 2 छोटे चम्मच रोज़ आउट पाउडर डालें और इसको अच्छे से मिश्रित करने के बाद ही सेवन करें| अगर आप इस औषधि का अच्छा परिणाम प्राप्त करना चाहते हैं तो चिकित्सक के निर्देशानुसार ही इसका उपयोग करें| गर्भवती महिलाएं, किसी भी बीमारी से ग्रसित व्यक्ति, बच्चे और बुजुर्ग इस आयुर्वेदिक उपचार का सेवन हमेशा डॉक्टर से सलाह लेकर ही करें|
रोज़ आउट (Roz Out) के प्रमुख फायदे:
100% प्राकृतिक और आदत न लगने वाली औषधि। मल त्याग परेशानी को दूर करने में मददगार है। कठोर और सूखे मल को नरम करने में सहायता करती है। जठराग्नि को उत्तेजित और पाचन तंत्र को संतुलित रखने का काम करती है।
इस लाभकारी औषधि (रोज़ आउट) को ऑर्डर करने का तरीका – आप गूगल पर वेबसाइट – www.yuktiherbs.com से ऑर्डर कर सकते हैं या फिर +91 828-386-5637, +91 752-786-9388 पर कॉल या व्हाट्सएप भी कर सकते हैं।
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